6 किमी. सड़क के लिए भोपाल तक की पदयात्रा, नहीं बनी सड़क
आज से करीब 10-12 वर्ष पूर्व क्षेत्र के लोग मात्र 6 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर भोपाल पहुंचे थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर सड़क की मांग की थी और उक्त नेताओं ने आश्वस्त किया कि शीघ्र की सर्वे कराकर इस सड़क का निर्माण कराया जाएगा ।

श्योपुर : सोमवार को मोहन सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ जिसमें कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई। रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से 2023 में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था और तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जाएगा और आखिरकार सोमवार को रावत के शपथ ग्रहण करने के बाद सभी कयासों पर विराम लग गया ।
क्या है मुद्दा :
विजयपुर विधानसभा क्षेत्र को हमेशा से ही पिछड़ी और कुपोषित बाहुल्य क्षेत्र में गिना जाता है जबकि नव नियुक्त मंत्री रामनिवास रावत 6 बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं साथ ही दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रहे लेकिन विजयपुर का विकास उपेक्षित ही रहा । विजयपुर विधानसभा क्षेत्र का सबसे अधिक आबादी वाला गांव सहसराम है और इससे लगे आधा दर्जन गांव भी पूरी तरह से सहसराम पर निर्भर हैं । सारंगपुर से सहसराम तक की 6 किलोमीटर लंबी सड़क यदि बन जाए तो तहसील विजयपुर जाने के लिए सहसराम सहित बैहटा, खुर्रका, फरारा, बुढ़ेरा और खुर्जन के अलावा जौरा विधानसभा के खोरा, खोरी , कुसमानी और गेहतौली जैसे कई गांवों के आमजन के लिए आवागमन सुगम हो जायेगा । लंबे समय से इसकी मांग क्षेत्र के लोग करते रहे हैं लेकिन 20 वर्ष की भाजपा सरकार में विजयपुर के भाजपा विधायकों और कांग्रेस विधायकों ने इस सड़क को बनवाना उचित नहीं समझा ।
ग्रामीण कर चुके हैं भोपाल तक पैदल यात्रा
आज से करीब 10-12 वर्ष पूर्व क्षेत्र के लोग मात्र 6 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर भोपाल पहुंचे थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर सड़क की मांग की थी और उक्त नेताओं ने आश्वस्त किया कि शीघ्र की सर्वे कराकर इस सड़क का निर्माण कराया जाएगा । तब से अब तक शिवराज सिंह चौहान तीन बार मुख्यमंत्री बने, नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना लोकसभा क्षेत्र से न केवल सांसद बने बल्कि ग्रामीण विकास मंत्री का जिम्मा केंद्र की सरकार में संभाले लेकिन कई बार मांग करने के बाद भी मात्र 6 किलोमीटर की सड़क बनवाने की कोशिश नहीं की गई ।
उपचुनाव में फिर उठेगा मुद्दा, भाजपा को हो सकता है नुकसान
अभी रामनिवास रावत के इस्तीफे के बाद आगामी 6 माह में उपचुनाव होगा , जनता एक बार फिर इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर भाजपा का विरोध कर सकती है इससे सीधे तौर पर भाजपा को नुकसान होगा । क्षेत्र के विकास की दुहाई देकर कांग्रेस को अलविदा कहने वाले रामनिवास रावत को भाजपा ने वादे के मुताबिक मंत्री पद से नवाज तो दिया लेकिन क्या रामनिवास जनता से किए वादे पूरे कर पाएंगे ? क्या रावत इस 6 किलोमीटर की सड़क का विचार करेंगे या फिर हमेशा की तरह जनता के विकास को छोड़ अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित रखते हुए स्वयं का विकास अपने मंत्री कार्यकाल में करेंगे ।

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