विजयपुर : जनता भोली है, आपके झूठे वादों में फंसेगी..?

राजनीतिक : मध्यप्रदेश में चुनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं, आम विधानसभा चुनाव और आम लोकसभा चुनाव भले ही समाप्त हो गए हों लेकिन दल बदल के चलते सूबे में चुनाव होते ही रहते हैं और टैक्सपेयर का पैसा पानी की तरह बर्बाद किया जा रहा है। अभी छः महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीतकर विधायक बने रामनिवास रावत ने मंत्री पद की लालसा में जनमत को ठेंगा दिखाकर भाजपा का दामन थाम लिया और अब भाजपा सरकार में मंत्री पद पाकर सत्ता की मलाई खाएंगे लेकिन उपचुनाव में जनता का पैसा एक बार फिर बहाया जाएगा ।उपचुनाव रिक्त हुई सीट पर तुरंत नहीं कार्य जाता है बल्कि छह महीने का समय लेकर कराया जाता है ताकि इतने समय के बीच जनता के बीच जाकर झूठे वादों की बरसात की जाए और नारियल पर नारियल फोड़कर विकास कार्यों के सपने दिखाए जाएं और एक बार फिर भोलीभाली जनता को अपने जाल में फंसाया जा सके ।
छः बार के विधायक हैं रामनिवास
विजयपुर विधानसभा के विकास की दुहाई देकर रामनिवास रावत ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है लेकिन रामनिवास रावत के राजनीतिक कैरियर पर गौर किया जाए तो वह एक दो बार नहीं बल्कि छः बार के विधायक हैं । इतने लंबे राजनीतिक कार्यकाल में रावत सत्ता और विपक्ष दोनों में न केवल विधायक रहे हैं बल्कि कांग्रेस की दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रहे लेकिन उन्होंने कभी भी क्षेत्र के विकास की परिकल्पना नहीं की लिहाजा विजयपुर विधानसभा पिछड़ी विधानसभा में गिनी जाती है। झूठे नारियल चाहे कितने भी फोड़े जाएं लेकिन विकास कभी भी मूर्त रूप नहीं ले पाएगा , जनता एक बार फिर ठगी जाएगी क्योंकि जनता भोली है । सहसराम से सारंगपुर सड़क, अपर ककैटो डैम के विस्थापितों का मुआवजा, और डैम के नीचे सड़क, सहसराम उप तहसील ये वो मुद्दे हैं जो जनता के हित में हैं लेकिन न तो भाजपा इन पर बात करना चाहती है और न ही रामनिवास रावत ।

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