सोमवती अमावस्या पर रक्तदान का क्या है विशेष महत्व

भाद्रपद शुरू होते ही त्योहारों की झड़ी शुरू हो गई है। सितंबर महीने की शुरुआत सोमवती अमावस्या (Somvati Amavaya Date 2024) के साथ हुई है। अगर आप अमावस्या तिथि पर पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और स्नानदान अमावस्या तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं तो आपको बताते हैं कि स्नानदान अमावस्या 2 सितंबर को है या 3 सितंबर को।
साथ ही जानेंगे कि गंगा स्नान और पितरों के लिए तर्पण का सही समय क्या है
अमावस्या तिथि का महत्व
ज्योतिष में हर महीने आने वाली दो तिथियां दान पुण्य के लिए बेहद खास मानी जाती है। इसमें पूर्णिमा तिथि और अमावस्या तिथि (When Snandaan Amavasya) शामिल हैं। भादो की अमावस्या तिथि भी पितरों के लिए बेहद खास मानी जाती है। इस दिन दान पुण्य करने से आपको पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
कब है स्नानदान अमावस्या
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल भाद्रपद की अमावस्या तिथि सूर्योदय में ही आएगी। इसकी समाप्ति के समय भी सूर्योदय रहेगा। यही कारण है कि इस बार व्रत और स्नानदान की अमावस्या दो दिन रहेगी। यदि आप सोमवती अमावस्या का व्रत रखते हैं तो इसकी तिथि 2 सितंबर है और यदि अमावस्या तिथि (Bhadrapada amavasya date) का स्नान करना चाहत हैं तो इसके लिए स्नानदान अमावस्या तिथि 3 सितंबर रहेगी।
अमावस्या तिथि सोमवती अमावस्या तिथि: सूर्योदय 2 सितंबर सोमवार, सुबह 5:31 मिनटस्नानदान अमावस्या तिथि: 3 सितंबर मंगलवार को सुबह 7:24 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी।
इस दिन कर सकते हैं स्नान-दान
अगर आप भी भाद्रपद की अमावस्या तिथि (Snandaan Amavasya Importance) पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना है, तो इसके लिए 3 सितंबर का समय सबसे सही है।

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