सरगी के बिना अधूरा रहता है करवाचौथ का व्रत, और भी जानिए तथ्य..

करवा चौथ सुहागिन महिलाओं के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और भावनात्मक पर्व है। यह सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है। इस बार यह पवित्र व्रत 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। व्रत शुरू करने से पहले जो भोजन किया जाता है, उसे सरगी कहा जाता है, और इसका विशेष महत्व होता है।
सरगी की थाली आमतौर पर सास द्वारा अपनी बहू को दी जाती है, जिसमें पोषक और पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं। सरगी केवल धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि यह दिनभर उपवास रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा का स्रोत भी है। आइए जानते हैं, सरगी थाली में कौन-सी पांच चीजें सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
सेवइयां
सरगी की थाली सेवइयों के बिना अधूरी मानी जाती है। दूध, घी और चीनी में बनी सेवइयां हल्की और पचने में आसान होती हैं। यह कार्बोहाइड्रेट और मिठास का सही संतुलन देती हैं, जिससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और व्रत के दौरान थकान महसूस नहीं होती।
ताजे फल
फलों का सेवन सरगी में बेहद जरूरी है। सेब, केला, अनार या मौसमी जैसे फल शरीर में जल की मात्रा बनाए रखते हैं और प्राकृतिक शुगर से ऊर्जा प्रदान करते हैं। इनमें मौजूद विटामिन और फाइबर डिहाइड्रेशन से बचाते हैं, जिससे व्रत का दिन सहजता से बीतता है।
ड्राई फ्रूट्स
काजू, बादाम, किशमिश, अखरोट जैसे सूखे मेवे सरगी का अहम हिस्सा हैं। इनमें हेल्दी फैट, प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखते हैं और लंबे समय तक भूख महसूस नहीं होने देते।
मीठी मठरी
सरगी में मीठी मठरी न केवल स्वाद बढ़ाती है, बल्कि पेट को भी लंबे समय तक भरा रखती है। मैदा या सूजी से बनी यह मठरी सुनहरी तली हुई होती है और इसे खाने से मन में संतुष्टि और खुशी का भाव आता है।
दूध या हर्बल टी
सूर्योदय से पहले एक गिलास दूध पीना सरगी का आवश्यक हिस्सा है। इलायची, केसर या हल्दी वाला दूध पाचन को ठीक रखता है और शरीर को सुकून देता है। कुछ महिलाएं हर्बल या ग्रीन टी लेना पसंद करती हैं, जो ताजगी और सतर्कता बनाए रखती है।
इसके अलावा कई घरों में सरगी में हलवा, पराठा या सब्जी जैसे हल्के व्यंजन भी शामिल किए जाते हैं। मिठाई जैसे लड्डू या बर्फी भी थाली की शोभा बढ़ाते हैं।

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