नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले इनको जेल से नहीं मिलेगी मुक्ति

कोरोना की दूसरी लहर में जब पूरी दुनिया त्राहि त्राहि मचा रही थी लोग ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए आपाधापी में थे तब कुछ लोग ऐसे भी थे जो आपदा में अवसर की तलाश में जुटे थे ,बाजार में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खफत की जा रही थी । मध्य प्रदेश के कोरोना मरीजों को लगाए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में नकली इंजेक्शन लगाने के आरोपी जबलपुर के सरबजीत सिंह मोखा को अभी भी जेल में रहना होगा। अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर के सिटी अस्पताल के,संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम आया था। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाए थे और कोरोना संक्रमित मरीजों को महंगे दामों पर लगाए थे। इसके बाद उनके खिलाफ जबलपुर पुलिस ने धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी, 467, 468, 201, 304 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद सरबजीत सिंह मोखा काफी समय तक फरार रहे थे। आखिरकार 21 मई 2021 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से ही वे जेल में हैं।
जमानत याचिका खारिज
जिला अदालत में मोखा की जमानत के लिए गुरुवार को याचिका लगाई गई थी जिसका एजीपी सुशील सोनी ने विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला गंभीर प्रकृति का है। वहीं, मोखा की ओर से वकील ने यह तर्क दिया कि इस मामले में सह आरोपियों को जमानत मिल चुकी है और इसका चालान भी पेश किया जा चुका है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मोखा की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है।

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