रामनिवास से वादा निभाने आदिवासी नेता से वापिस लिया मंत्रालय, मंत्री ने दी इस्तीफे की धमकी , आदिवासी नाराज ?
आदिवासी वोटर के भरोसे है रामनिवास रावत का राजनीतिक भविष्य, नागर सिंह चौहान से मंत्रालय वापिस लेने पर नागर सिंह सहित पूरा आदिवासी समाज नाराज

राजनीति : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हाल ही में हुआ ,हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार के नाम पर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत को ही शपथ दिलाई गई। रामनिवास रावत लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे और उसी समय मंत्री पद की सौदेबाजी हुई थी लिहाजा भाजपा को अपना वादा पूरा करना था । रावत को पहले राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई लेकिन वादा कैबिनेट मंत्री का था इसलिए नाराज रामनिवास रावत को मनाने आनन फानन में राजभवन में कैबिनेट की शपथ दिलाई गई, अब आगामी छः महीने में विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा ।
गृह मंत्रालय की चाहत थी मिला वन एवं पर्यावरण मंत्रालय
सूत्रों की मानें तो रामनिवास रावत मोहन कैबिनेट मंत्री गृह मंत्री का पद मांग रहे थे और यही कारण है कि शपथ ग्रहण के 13 दिन बाद उनको विभाग का बंटवार किया गया , फिलहाल गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास है। भारीभरकम मंत्रालय भाजपा किसी भी कीमत पर रामनिवास रावत को देने पर राजी नहीं हुई , कयास ये भी थे कि रामनिवास रावत को खनिज मंत्रालय या विधि विधायी मंत्रालय भी मिल सकता है लेकिन फिलहाल तो उन्हें वन मंत्रालय देकर भाजपा सरकार का हिस्सा बना लिया है।
मंत्रालय वापिस लेने पर नागर सिंह नाराज
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पहले आदिवासी नेता नागर सिंह चौहान के पास था , इसके अलावा नागर सिंह चौहान के पास अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री का जिम्मा भी था । अब उनके पास सिर्फ एक विभाग बचा है, सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय वापिस लेने पर नागर सिंह चौहान नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि केवल मैं ही नहीं मेरी सांसद पत्नी अनीता सिंह चौहान दोनों इस्तीफा दे देंगे जोकि झाबुआ रतलाम सीट से वर्तमान में सांसद हैं और मैं ये सब इसलिए करूंगा क्योंकि मैं आदिवासी समाज के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा हूं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस्तीफे की बात अभी होल्ड पर है ,वे पहले भोपाल में पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे बात नहीं सुने जाने पर इस्तीफा दे देंगे।
आदिवासी नाराज तो रामनिवास की राह मुश्किल
रामनिवास रावत कांग्रेस छोड़ भाजपा में मंत्री तो बन गए लेकिन उनकी उपचुनाव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, पहले उनकी पार्टी के दो पूर्व विधायकों बाबूलाल मेवरा और सीताराम आदिवासी ने रामनिवास रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और अब मंत्री नागर सिंह चौहान की नाराजगी उनको भरी पड़ सकती है। दरअसल रावत जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं वह आदिवासी बाहुल्य है और पहले पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी और अब आदिवासी नेता नागर सिंह चौहान के नाराज होने से आदिवासी समाज भी नाराज बताया जा रहा है ऐसे में आदिवासी समाज की नाराजगी को यदि कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को टिकिट देकर भुना लिया तो यकीनन रामनिवास रावत की मुश्किलें बढ़ जाएंगी ।

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