कार्यकाल पूरा करने जा रहीं कुलपति की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

ग्वालियर :
जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनका कार्यकाल 18 नवंबर को पूरा होने जा रहा है। इससे पहले ही कुछ गड़बड़ियां और अनियमितताओं की जांच को लेकर लोकायुक्त के विधि सलाहकार का पत्र ग्वालियर कलेक्टर तक पहुंच गया है। इससे गड़बड़ियां करने वालों पर लोकायुक्त का शिकंजा कसता जा रहा है। पत्र के अनुसार जेयू के तत्कालीन वित्त नियंत्रक सहित 5 लोगों के बयान होंगे। यह बयान कलेक्टर ग्वालियर लेकर प्रतिवेदन सहित 10 जनवरी 2022 तक लोकायुक्त कार्यालय भोपाल भेजेंगे। जीवाजी यूनिवर्सिटी कार्यपरिषद के पूर्व सदस्य केपी सिंह ने सीधे तौर पर 11 मामलों में भ्रष्टाचार, अनियमितता के गंभीर आरोप लगाते हुए लोकायुक्त में शिकायत की थी। लोकायुक्त में शिकायत को प्रकरण क्रमांक 395/2020 पर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में कार्यपरिषद सदस्य मनेन्द्र सिंह सोलंकी उर्फ मोनू, अनूप अग्रवाल, JU (जीवाजी यूनिवर्सिटी ) के खेल विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. राजेन्द्र सिंह, LNIPE के पूर्व प्रोफेसर वीरेन्द्र कुमार डबास तथा जीवाजी यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वित्त नियंत्रक महक सिंह के बयान होना है।
लोकायुक्त ने कलेक्टर ग्वालियर को 12 नवंबर 2021 को पत्र जारी कर उपरोक्त के बयान दर्ज करने का उल्लेख किया है। कलेक्टर को निर्देश दिये हैं कि वे उपरोक्त लोगों के बयान लेकर 10 जनवरी 2022 तक प्रतिवेदन सहित लोकायुक्त कार्यालय भोपाल भेजें।

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