पंचायत चुनाव टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ये है फैसला

एमपी के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर हाल ही में बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका पर अब 13 दिसंबर को सुनवाई होगी। दरअसल, कोर्ट ने कांग्रेस के सैयद जाफर और जया ठाकुर की याचिका को स्वीकार कर लिया था।
लेकिन आज सुनवाई में इसकी तारीख बढ़ा दी है। जो अब 13 दिसंबर तक कर दी गई है। जानकारी के अनुसार, इस याचिका में कमल नाथ सरकार के वक्त हुए परिसीमन को केंसल करने और 2014 की स्थिति में लागू परिसीमन व आरक्षण के आधार पर चुनाव करवाने को लेकर आपत्ति उठाई गई है।
दरअसल, 9 नवंबर 2021 को पंचायत चुनाव से जुड़ी सभी याचिकाओं पर जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी।इसमें आरक्षण और परिसीमन का मामला भी शामिल था। 40 मिनट लंबी चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने ग्वालियर बेंच में जस्टिस रोहित आर्या की अध्यक्षता वाली युगलपीठ द्वरा पूर्व में अन्तरिम राहत की अर्जी खारिज करने के बिंदु को ध्यान में रखते हुए मांग नामंजूर कर दी तो वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया ।
मप्र सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित किया है और इसकी अधिसूचना जारी गई है। वही इस पुरानी अधिसूचना को निरस्त किए बिना सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी।इसके अलावा राज्य सरकार ने नवंबर 2021 में आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। याचिका में कमल नाथ सरकार के समय हुए परिसीमन को निरस्त करने और 2014 की स्थिति में लागू परिसीमन व आरक्षण के आधार पर चुनाव कराने की मांग उठाई है।

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