साहब को सफाई पसंद है…..

तस्वीर में सफाई करते हैं जो व्यक्ति देखा जा रहा है वह व्यक्ति कोई सफाईकर्मी या कोई आम आदमी नहीं बल्कि सूबे की सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं । जी हां ! आपने सही पढ़ा कैबिनेट मंत्री यानी माननीय । इन माननीय को अक्सर सार्वजनिक शौचालय से लेकर सड़क साफ करते देखा हो तो कोई अचंभित करने वाली बात नहीं है, साहब तो शहर में गंदी नाली देखकर उसमें भी उतर जाते हैं और फावड़ा हाथ में पकड़कर लग जाते हैं सफाई अभियान में… यानी साहब को सफाई पसंद है।
इन साहब को सफाई कितनी पसंद है ये तो वो ही जानें लेकिन अफसर शायद उनको गंभीरता से नहीं लेते, यदि लिए होते तो जिस शहर की नाली, सड़क,शौचालय की सफाई की खातिर माननीय ने अपने हाथ में झाड़ू उठाई हो ,भला वो शहर कैसे स्वच्छता सर्वेक्षण में फिसड्डी शहर होता ।
ये तो राजनीति के गलियारों में चर्चा में बने रहने के लिए माननीय कभी विद्युत फीडर पर पहुँचते और कुल्हाड़ी लेकर भिड़ जाते हैं झाड़ियों को काटने, बुजुर्ग व्यक्ति को हाथ ठेला ठेलते देखकर लग जाते हैं ठेला धकेलने तो एक बालक की भैंस को घर तक पहुंचा आते हैं साहब । पाँव पाँव चलते यदि थक हार जाते हैं शहर की गलियों में तो गली की अम्मा से मांग लेते हैं रूखी सुखी रोटी । लोग तो नेताजी का ये अंदाज देखकर यही कहते हैं कि कोई यूँ ही प्रद्युम्न सिंह नहीं बन जाता ..

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