राजनेताओं, प्रशासन की लापरवाही से फूट रहा है कोरोना का बम
लापरवाही बरतने वाले राजनेता संक्रमित होने के बाद दे रहे हैं सावधान रहने की सलाह और समर्थकों को जांच करने की सलाह

देश दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर पैर पसार लिए हैं । आए दिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है । सरकार की ओर से गाइडलाइन तो बनाई गई है लेकिन उस गाइडलाइन का पालन खुद सरकार और सरकार की नुमाइंदगी करने वाले राजनेताओं की ओर से नहीं किया जा रहा है । प्रशासन की लापरवाही के सामने मूकदर्शक बना हुआ है । उसने अपनी आंखें बंद कर ली हैं । नेता लगातार रैलियां और जन आभार कार्यक्रम कर रहे हैं लेकिन गाइडलाइन का पालन करने के नाम पर केवल आम जनता को ही परेशान किया जा रहा है । सरकार की ओर से मास्क ना लगाने पर चालानी कार्यवाही की जा रही है लेकिन नेताओं की रैलियों के सामने प्रशासन का डंडा सिर्फ इसीलिए है कि माननीय को उनके कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए ।
लगातार बढ़ रहे हैं मामले
ग्वालियर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति 1 जनवरी-6 , 2 जनवरी-9 , 3 जनवरी-22 और 4 जनवरी-58 के मामले सामने आए तो वहीं शिवपुरी में 1 जनवरी-1, 2 जनवरी-3 , 3 जनवरी-6 और 4 जनवरी-12 को मामले आए । इन सब के पीछे प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है प्रशासन मूंग और बहरा बना हुआ है । उसे नेताओं के द्वारा की जा रही रैलियों से कोई आपत्ति नहीं है । सरकार लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिला कलेक्टरों को दिशा निर्देश जारी कर रही है लेकिन सरकार के मंत्री और नेतागण लगातार क्षेत्र में रेलिया, जनसभा, जन आभार कार्यक्रम कर रहे हैं , जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित की जा रही है और जो नेता संक्रमित होते जा रहे हैं तो वे तो वीआईपी व्यवस्था मैं अपना इलाज करा ले रहे हैं और अपने समर्थकों को जांच कराने की सलाह दे रहे हैं । खुद कोरोना गाइडलाइन का पालन ना करके जनता को गाइडलाइन का पालन करने के लिए कह रहे हैं ।
यही हालात रहे तो जल्द लगेगा लॉक डाउन
यदि इसी तरह से मरीजों की संख्या में इजाफा होता रहा तो शीघ्र ही प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो जाएगी । अन्य प्रदेशों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। अब हालातों को देखते मध्यप्रदेश भी उसी और बढ़ रहा है ।। 2 साल से अपनी रोजी-रोटी के काम , धंधा मैं मंदी के चलते बेरोजगारी से जूझता आम आदमी लगभग टूट सा गया है । यदि इस बार भी लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हुई तो उसका जीना दूभर हो जाएगा । वही प्रदेश में शिक्षा का स्तर शून्य पर पहुंच गया है, इस बार की लॉकडाउन में यदि बोर्ड परीक्षा , भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं कराई गई तो प्रदेश में न केवल बेरोजगारों की संख्या बढ़ेगी बल्कि शिक्षा का स्तर किसी काम का नहीं रहेगा । इस बात की फिक्र ना नेताओं को है ना प्रशासन को क्योंकि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा मोटी रकम देकर प्राप्त कर रहे हैं लेकिन आदमी को निरक्षर बनाने की ओर सरकार की लापरवाही यही कदम साबित होंगे ।

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