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विजयपुर में रामनिवास के खिलाफ कौन,सीताराम या …?

मध्यप्रदेश में 2023 में आम विधानसभा चुनाव होने हैं, राजनीतिक दलों सहित दावेदारी कर रहे नेताओं ने भी अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दी है । आदिवासी बहुल जिला श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही जीत हासिल की, वर्तमान में भाजपा के सीताराम आदिवासी विधायक हैं । सीताराम आदिवासी ने 2018 में कांग्रेस के कद्दावर नेता रामनिवास रावत को शिकस्त दी थी, रावत लंबे समय तक विजयपुर के विधायक रहे हैं । 5 बार विधायक रहे रामनिवास रावत दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं, रावत को कभी शिकस्त देने वाले बाबूलाल मेवरा अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं । मेवरा लगातार भाजपा से टिकिट की मांग कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकिट न देकर बार बार आदिवासी नेता सीताराम पर विश्वास किया और 2018 में जब बाबूलाल भाजपा से बगावत कर बहुजन समाज पार्टी के टिकिट पर चुनावी मैदान में थे तब भाजपा सीताराम के सहारे विजयपुर विधानसभा सीट को जीतने में कामयाब हो गई ।

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रामनिवास रावत कांग्रेस के वर्तमान कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं, अपने विधानसभा क्षेत्र के एक क्षत्रप नेता भी । रावत ने खुद के रहते कभी किसी अन्य को कांग्रेस का क्षेत्रीय बड़ा नेता बनने नहीं दिया , जनपद और जिला सहित तमाम पदों पर अपने परिजनों को ही आगे बढ़ाने का काम भी रावत ने बखूबी किया । वर्तमान में उनके सुपुत्र अनिरुद्ध रावत युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हैं, सिंधिया समर्थक माने जाने वाले रावत सिंधिया के भाजपा में चले जाने के बाद भी कांग्रेस में रहकर 2023 का इंतजार कर रहे हैं । क्षेत्रीय लोगों की माने तो सीताराम आदिवासी अपने कार्यकाल में ऐसी कोई बड़ी उपलब्धि विजयपुर विधानसभा क्षेत्र को नहीं दिला पाए कि आने वाले चुनाव में खुद उसका गुणगान कर सकें जबकि सूबे में 15 महीने छोड़ दिए जाएं तो भाजपा की ही सरकार रही है और सीताराम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी भी माने जाते हैं।

विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास रामनिवास रावत कर अलावा कोई बड़ा और जनाधार वाला नेता नहीं है, पार्टी ने उन्हें श्योपुर – मुरैना लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ाया । भारतीय जनता पार्टी अपना कैंडिडेट बदल सकती है और यदि शिवराज सिंह ने चाहा तो एक बार आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए सीताराम आदिवासी पर ही दाँव चला जा सकता है क्योंकि भाजपा का फोकस अब आदिवासी वोट बैंक पर ही है । इसके अलावा विजयपुर विधानसभा सीट पर परीक्षत धाकड़ भी विधानसभा पहुंचने की चाहत रखते हैं, धाकड़ लंबे समय तक कांग्रेस में रहे लेकिन वे अब भाजपा में जिला कार्यकारिणी में भी उपाध्यक्ष हैं । परीक्षत धाकड़ लगातार तीन बार से जिला पंचायत सदस्य हैं और जिस वार्ड से वे सदस्य हैं उसमें उनके सजातीय वोट बैंक है, परीक्षत सौम्य और सहज उपलब्ध नेता हैं, जनता के बीच जमीनी नेता की छवि है और वे लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया से सम्पर्क में है और समय आने पर विधानसभा के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं। जिनके अलावा एडवोकेट वी के शर्मा, गुड्डू जादौन और अशोक गर्ग भी दावेदारों की सूची में शामिल हैं ।

Chief Editor JKA

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