PLACE-YOUR-ADVERT-HERE
add-banner
IMG-20231202-WA0031
IMG_20220718_112253
IMG-20250516-WA0020
IMG-20250516-WA0017
आलेखसंपादकीय

व्यापमं का और भी व्यापक होता घोटालों का सफर

 

इंजी. वीरबल सिंह
एक कहावत है जो मध्यप्रदेश के लिए कही जाती है कि “एमपी गजब है – एमपी अजब है”, और बात सही भी है । भारत का हृदय कहा जाने वाला राज्य मध्यप्रदेश कई मायनों में अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए है, यहाँ की विविधता, संस्कृति, पर्यावरण और ऐतिहासिक धरोहर विश्व भर में प्रसिद्ध हैं । एक जमाना था जब प्रदेश का चंबल अंचल कुख्यात बागियों के लिए देश और दुनिया में जाना जाता था लेकिन अब भर्ती परीक्षा आयोजित कराने वाले व्यापमं के कारण मध्यप्रदेश ही कुख्यात हो गया है । दरअसल मध्यप्रदेश में पहले भर्ती परीक्षा और बाद में पात्रता परीक्षा आयोजित कराने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापमं की स्थापना की थी, यह अपना काम कितना अच्छा कर रहा था ये तो पीएमटी ( मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम ) घोटालों की परत दर परत खुलने के बाद जग जाहिर हो गया था, इस घोटाले ने लाखों होनहार योग्य मेडिकल छात्रों के भविष्य की बलि ले ली थी तो इस कृत्य में शामिल सैकड़ों लोगों की जिंदगी को छीन लिया और वहीं इस सरकार के इस काले सच को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आज भी संघर्ष का जीवन जी रहे हैं ।

No Slide Found In Slider.

व्यापमं का घोटालों भरा सफर अभी थमा नहीं हैं बल्कि और भी व्यापक होता जा रहा है, कहने को सरकार ने अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए व्यापमं के बाद पीईबी और अब कर्मचारी चयन मण्डल तक नामकरण कर डाले, समय बदला, किरदार बदले ,परीक्षा ऑफलाइन से ऑनलाइन में तब्दील हुई लेकिन नहीं बदली तो व्यापमं की करतूत । यदि आप पता लगाने बैठ जायें कि व्यापमं द्वारा आयोजित ऐसी कौन सी परीक्षा है जहाँ गड़बड़ नहीं हुई हो और विवादों में नहीं आई हो तो आपको निराशा ही हाथ लगेगी क्योंकि आपके हाथ एक भी नाम नहीं लगेगा और लगेगा भी कैसे,क्योंकि धांधली तो हर परीक्षा में हुई है, कुछ उजागर हुई तो कुछ अफसरशाही और सफेदपोश नेताओं के बीच ही रहीं ।

अभी हाल ही में व्यापमं द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया लेकिन आखिरी के एक दिन पहले पूरा पेपर सोशल मीडिया पर वायरल क्या हुआ मानो तो रूस और यूक्रेन युध्द से भी अधिक चर्चित हो गया । होनहार छात्रों को लगा कि जैसे सूबे के मुखिया मामा ने उनके सपनों के वैध महल पर बुलडोजर चलाकर धराशायी कर दिया । परीक्षा भवन में चार – चार बाद बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराते समय आंतकवादी घोषित तो नहीं हो जाऊंगा, जैसे विचारों के साथ परीक्षा भवन में बैठते समय यही सोचा होगा कि सख्त निगरानी के बीच मेरा भविष्य सुरक्षित है, मैं जल्द ही एक शिक्षक के रूप में देश और समाज निर्माण के साथ युग निर्माण में अपना योगदान दूँगा लेकिन उसे क्या पता था कि भ्रष्टाचार का बम विस्फोट पलभर में सब कुछ तबाह कर देगा । राजनीतिक मंच से जब सूबे के मुखिया अपने सीने को ठोककर कहता है कि हमने विकासशील मध्यप्रदेश बनाया है तो अब समझ आता है कि कि हमने इतना तो विकास कर लिया कि परीक्षा कितनी भी कड़ी सुरक्षा में आयोजित कर लेना ,पेपर आउट तो हम कर ही लेंगे ।

सरकार दंभ तो देखिए, मीडिया ,सोशल मीडिया चीख चीखकर कह रहे हैं कि पेपर आउट हुए हैं, छात्र सड़क पर सरकार के भ्रष्ट तंत्र से लड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और सरकार और उसकी नुमाइंदे एक शब्द बोलने को तैयार नहीं है, इनके मुँह में दही नहीं सत्ता की मलाई जम गई है, शिक्षा मंत्री कहते हैं परीक्षा निरस्त नहीं हुई है तो मान लें कि गड़बड़ भी नहीं हैं और देर से ही सही गृहमंत्री के मुखारबिंद तो ये तक कहते हैं कि कोई शिकायत आएगी तो जांच देखेंगे, तो क्या इनको हमने इसलिए चुना कि आम आदमी के बच्चों के रोजगार को ये लाखों में नीलाम कर देंगे । एक किसान ने अपने बेटे को शहर 8इसलिए भेजा होगा ताकि कुछ बन जाएगा तो उसे खेतों में रात दिन पसीना न बहाना न पड़े, पैसे की कमी होने पर खेत या तो बेच दिए होंगे या गिरबी इसलिए रखे होंगे ताकि बेटे के सपने नीलाम न हों, और पूर्वजों और कुल देवी देवताओं के मंदिर की चौखट पर सिर रखकर मन्नत भी माँगी ताकि किस्मत पर कोई ग्रहण लगा हो तो वो भी दूर हो जाए, माँ ने बेटे को घर से चीनी और दही खिलाकर इसलिए भेजा होगा ताकि बेटे का भविष्य मिठास भरा हो, माँ ने अपने गहने गिरवी इसलिए रखे होंगे ताकि बेटा पढ़ने के लिए नई किताबें खरीद सके, लेकिन उनको क्या पता था कि हमारे ही टैक्स के पैसे की मलाई खाने वाले कल हमारे बच्चों का भविष्य काट लेंगे और इसका कोई इंजेक्शन अस्पताल में नहीं मिलेगा ।

PicsArt_10-26-02.06.05

हमने पहले ही कहा था कि एमपी अजब है और एमपी गजब है, जिस कंपनी को प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराने का जिम्मा दिया है उस कंपनी को सूबे के मुखिया के सरदार ( केंद्र सरकार ) ने ब्लैक लिस्टेड किया है लेकिन सत्ता के अंहकार में धृतराष्ट्र बनकर बैठे लोगों को नाक के नीचे होते व्यापमं कांड नहीं दिखते, कुम्भकर्णी नींद में मुफ्त की मलाई खाकर सोने वाले इन सत्ताधीशों को बेरोजगारों की चीख पुकार सुनाई नहीं देती, सुनाई देगी कैसे… भोपाल के हाई टेक पार्टी कार्यालय, वल्लभ भवन और शहर के सैकड़ों होटल और रिसोर्ट को छोड़कर चिंतन करने पचमढ़ी जाते हैं । आप खूब लूटिए, खूब भ्रष्टाचार कीजिए लेकिन इन युवाओं ने आपको बड़ी उम्मीदों के साथ ऐश आराम की जिंदगी दी है, आप इनके भविष्य को स्वाहा मत कीजिए ।

( लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं )

Chief Editor JKA

FB_IMG_1657898474749
IMG-20250308-WA0007

Related Articles

Back to top button