प्रदेश के नेता और केंद्रीय मंत्रियों को मामा के साथ कदमताल करने के निर्देश

राजनीतिक : मध्यप्रदेश में चौथी पारी संभाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर लंबे समय से राजनीतिक गलियारों सहित मीडिया जगत में भी तमाम तरह के कयासों के अटकलें लगाई जा रही थी । राजनीतिक जानकारों के बीच चर्चा थी कि शायद भारतीय जनता पार्टी अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी सत्ता का नेतृत्व बदले और शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश से केंद्र की राजनीति में स्थापित करें, लेकिन हर बार ही तरह इस बार भी कयास धरे के धरे रह गए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जोकि प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में मामा के नाम से प्रसिद्ध है अपनी चौथी पारी पूरी करने मैं कामयाब होते दिख रहे हैं ।
बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली दौरे पड़ते सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय नेतृत्व ने फ्री हैंड कर दिया है और दिल्ली से लौटने के बाद भी अच्छे खासे उत्साहित दिखाई दे रहे हैं । सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है जिसमें खराब परफॉर्मेंस वाले करीब आधा दर्जन मंत्रियों की छुट्टी होना तय है तो वहीं चार खाली पदों सहित कुल 10 मंत्रियों की ताजपोशी भी हो सकती है । इसके लिए शिवराज सिंह को फ्री हैंड दे दिया गया है । खासे उत्साहित मुख्यमंत्री एंटी माफिया मुहिम को और बल दे सकते हैं यहां तक की दिल्ली नेतृत्व में प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को भी निर्देश दे दिए हैं कि वे आगामी 2023 तक शिवराज सिंह चौहान के कदम से कदम मिलाकर 2023 में एक बार पुनः भारतीय जनता पार्टी की सरकार स्थापित करने में मदद करें । इस खबर के बाद प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के चेहरे पर मायूसी छा सकती है, क्योंकि करीब आधा दर्जन ऐसे नेता है जो मध्य प्रदेश की सत्ता पर नजर गड़ाए बैठे हैं । उन्हें इंतजार है कि कब शिवराज सिंह को केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली बुलाए और श्यामला हिल्स पर उनका कब्जा हो लेकिन शिवराज सिंह चौहान लगातार केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा जीत कर इन नेताओं के अरमानों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं , हालांकि इन सभी सवालों का जवाब मिल पाना अभी संभव नहीं है । यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा कि क्या शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा या फिर चुनाव के पूर्व या चुनाव के बाद शिवराज सिंह का कोई विकल्प केंद्रीय नेतृत्व के पास है ।

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