निगम : ग्वालियर की शोभा के साथ कांग्रेस की उपासना तैयार

ग्वालियर : नगर निगम चुनाव में ग्वालियर जीतकर कांग्रेस गदगद है तो भारतीय जनता पार्टी का कोई भी बड़ा नेता अपनी हार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है । कांग्रेस गदगद हो भी न क्यों आखिरकार 57 साल के बाद नगर सरकार में वापिसी जो हुई है । नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ शोभा सतीश सिकरवार ने भारतीय जनता पार्टी की सुमन यशवीर शर्मा को करीब 28 हजार से अधिक मतों से हरा दिया है । कांग्रेस भले ही महापौरी जीत गई है लेकिन परिषद में भाजपा को सीमा पर बहुमत प्राप्त है । खबर है कि कांग्रेस महापौरी के साथ साथ सभापति भी अपना कब्जा काबिज करना चाहती है ताकि शोभा के प्रस्तावों पर कोई अड़चन न आए ।
नगर निगम ग्वालियर के 66 वार्डों में से करीब 55 पार्षद ऐसे हैं जो पहली बार परिषद की देहरी चढ़ेंगे , गैर अनुभवी पार्षदों के बीच भाजपा का सभापति होने के चलते शोभा सिकरवार के लाए प्रस्तावों को रोक लग सकती है । डॉ शोभा सिकरवार अनुभवी हैं बीते तीन कार्यकाल से पार्षद भी हैं और पति नगर सरकार के अनुभवी खिलाड़ी माने जाते हैं, और ग्वालियर पूर्व सीट से विधायक भी हैं । लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी में रहने के बाद कांग्रेस में आए हैं इसलिए वे भाजपा की नस इस से वाकिफ हैं ।
अब कांग्रेस और शोभा ,सतीश सभापति के लिए निर्दलीय और बसपा को अपने समर्थन में लाने के साथ ही भाजपा पार्षदों से क्रॉस वोटिंग कराने की कार्य योजना बना रहे हैं । सिकरवार परिवार जोड़ तोड़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और इसी बीच निर्दलीय पार्षद नाथू सिंह को कांग्रेस की सदस्यता भी दिला दी है , चूँकि पार्षद के लिए दल बदल का नियम है इसलिए दल बदलनने से किसी पार्षद को कोई नुकसान भी नहीं होने का डर नहीं है । विधायक सतीश सिकरवार निर्विरोध पार्षद रह चुके हैं इसलिए भाजपा के कई लोगों से उनके व्यक्तिगत संबंध भी है ऐसे में क्रॉस वोटिंग कराकर सभापति की कुर्सी पर काबिज होने की प्लानिंग कर रहे हैं । सभापति के लिए सतीश सिकरवार के करीबी कौरव के अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखन सिंह यादव की भतीजी बहू उपासना संजय सिंह यादव को प्रबल दावेदार माना जा रहा है, उपासना यादव ने वार्ड 54 में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष नीलिमा शिंदे को शिसक्त दी है और दूसरी बार पार्षद चुनी गईं हैं, उपासना यादव को सभापति के लिए नामित कर कांग्रेस पिछड़ा वर्ग कार्ड चलने की भी प्लानिंग कर रही है और यदि कांग्रेस अपनी प्लानिंग में सफल होती है तो न केवल महापौरी खो बैठी है बल्कि बहुमत के बाद परिषद में भी विपक्ष की भूमिका में दिखाई देगी ।

Subscribe to my channel



