मुरैना की राजनीति का मिथक : मंत्री रहते हार जाते हैं चुनाव …

मुरैना : राजनीति में अलग – अलग मिथक आपने सुने और देखे होंगे लेकिन मुरैना की राजनीति का मिथक बड़ा ही दिलचस्प है । चंबल का नाम सुनते ही जेहन में बागी शब्द आ जाता है लेकिन यहां राजनीति में बागी हो जाती है उन नेताओं के प्रति जो नेता चुनाव जीतकर सत्ता की मलाई खाने के लिए मंत्री बन जाता है। एक बार सत्ता की मलाई मंत्री रहते हुए खाने वाले नेताओं को मुरैना की जनता ने कभी पसंद नहीं किया , ये हम नहीं बल्कि बीती सियासत के आंकड़े कहते हैं और जनता जब बागी होती है तो वो न तो दल देखती है और न नेता का दिल, देखती है तो सिर्फ नेता का मनाते पद, 2023 में एक बार फिर विधानसभा चुनाव हैं तो क्या इस बार भी ये मिथक बना रहेगा या फिर टूट जाएगा । मुरैना में एक मिथक 2013 में जौरा विधानसभा चुनाव में आजादी के पहले भारतीय जनता पार्टी को पहली बार जीत दर्ज कर टूटा था लेकिन मंत्री रहते चुनाव हारने का मिथक जनता के बीच दिलचस्प और चर्चित बना हुआ है।
जानिए अब तक कौन , कब मंत्री रहते हुए हारा चुनाव :
▪️ 1977 में बाबू जबर सिंह जनसंघ की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे , 1980 में मंत्री रहते हुए चुनाव हार गए।
▪️ जाहर सिंह शर्मा कक्का जनसंघ सरकार में मंत्री और संसदीय सचिव बने , 1980 में बतौर मंत्री चुनाव हार गए ।
▪️ कीरत सिंह कंसाना 1985 में सुमावली से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीते और 1989 में सहकारिता विभाग के उपमंत्री बने , 1990 में गजराज सिंह सिकरवार से चुनाव हार गए ।
▪️ चार बार के विधायक मुंशीलाल खटीक 1990 में पटवा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, 1993 में कांग्रेस के रमेश गौरी से चुनाव हार गए ।
▪️ इंदल सिंह कंसाना 2002 में दिग्विजय सरकार में राज्यमंत्री बनाए गए , 2003 में गजराज सिंह सिकरवार से चुनाव हार गए।
▪️ रुस्तम सिंह 2003 में जीते और उमा भारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, 2008 में परशुराम मुदगल से चुनाव हार गए।
▪️ 2013 में फिर रुस्तम सिंह को शिवराज सरकार में मंत्री का दर्जा मिला , 2018 में रघुराज कंसाना से चुनाव हार गए।
• गिर्राज दंडोतिया 2018 में कांग्रेस से विधायक बने , 2020 में भाजपा में शामिल हुए तो शिवराज सरकार में कृषि राज्यमंत्री पद मिला लेकिन 2020 का उपचुनाव रविन्द्र सिंह से हार गए ।
▪️ इंदल सिंह कंसाना 2018 में कांग्रेस के टिकिट पर सुमावली से विधायक बने , 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और शिवराज सरकार में मंत्री बने लेकिन उपचुनाव में अजब सिंह कुशवाह से चुनाव हार गए ।



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