
भौतिक सुखों, प्रेम, आकर्षण, धन, लग्जरी लाइफ का प्रतीक ग्रह शुक्र 66 दिन बाद 4 जुलाई को रात्रि में 8 बजकर 24 मिनट पर पश्चिम दिशा में उदय हो रहा है।शुक्र 30 अप्रैल को अस्त हुआ था। शुक्र के उदय होने से एक बार फिर विवाह प्रारंभ हो जाएंगे। गुरु और शुक्र के अस्तकाल में सगाई, मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।गुरु पहले ही उदय हो चुका है किंतु शुक्र अब हो रहा है इसलिए विवाह आदि पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा।
शुक्र के उदय होने का प्रभाव
शुक्र भौतिक सुखों और दांपत्य सुख का प्रतिनिधि ग्रह है। शुक के अस्तकाल में सभी राशि के जातकों के वैवाहिक संबंधों में कुछ कुछ परेशानियां आ रही होंगी। आर्थिक संकट भी कुछ मात्रा में बना हुआ होगा। शुक्र के उदय होने से अब इससे जुड़ी सारी परेशानियां समाप्त हो जाएंगी। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। वैवाहिक-दांपत्य जीवन में बना हुआ संकट और टकराव दूर होगा। आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार आने लगेगा।

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