समय पर उपचार ही रेबीज से बचाव का उपाय : अधिष्ठाता डॉ.धाकड़
गजराराजा मेडिकल कॉलेज में एंटी रेबीज डे पर हुई कार्यशाला

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ग्वालियर, 28 सितंबर 2025। विश्वभर में 28 सितंबर को एंटी रेबीज डे मनाया जाता है। इसी अवसर पर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के सामुदायिक चिकित्सा (पीएसएम) विभाग द्वारा रविवार को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विशेष रूप से इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों और कर्मचारियों के लिए आयोजित की गई थी, ताकि रेबीज जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और समय पर उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. आर.के.एस. धाकड़ रहे। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि रेबीज एक घातक बीमारी है, लेकिन सही समय पर उपचार मिलने से इसकी रोकथाम पूरी तरह संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले लोगों में रेबीज को लेकर कई भ्रांतियां थीं, लेकिन अब धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ने से स्थिति बेहतर हो रही है। यही कारण है कि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। कार्यशाला में पीएसएम विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज बंसल और डॉ. अवधेश दिवाकर ने चिकित्सकों और कर्मचारियों को रेबीज की रोकथाम और इसके उपचार संबंधी वैज्ञानिक जानकारी विस्तार से प्रदान की। उन्होंने बताया कि किसी भी कुत्ते या अन्य जानवर के काटने के बाद घाव की तुरंत साफ-सफाई और समय पर टीका लगाना बेहद जरूरी है। साथ ही, सामान्य लोगों में इस विषय पर जागरूकता फैलाना भी चिकित्सकों की जिम्मेदारी है। कार्यशाला में यह भी बताया गया कि रेबीज से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना है। कार्यशाला में उपस्थित चिकित्सा शिक्षकों ने सवाल भी किए, जिनका जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को दूर भी किया। इस अवसर पर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के कई डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहे।

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