आखिर कब होंगे निकाय चुनाव..?

राजनीतिक : नगरीय निकाय और पंचायत के कार्यकाल को लगभग 2 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इन चुनावों को करने के मूड में नहीं है, तभी तो बार-बार चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ा दिया जाता है । सरकार की ओर से चुनाव न कराने की दलील पर कोरोना का रोना रोया जाता है । इस संबंध में जब हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई तो इस याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब तलब किया था । सरकार जब कोरोना काल में सरकार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करा सकती है तो फिर पंचायत चुनाव क्यों नहीं ।
आपको बता दें कि बीते साल कांग्रेस से आए विधायकों के उपचुनाव बड़ी संख्या में कराए गए जबकि मध्य प्रदेश सहित समूचा देश कोरोना की चपेट में था । जब भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश में सरकार बन गई तो अब ऐसे में पंचायत चुनाव को आगे के लिए बढ़ा दिया जाता है ऐसे में जनहित याचिका को ध्यान में रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार से सवाल किया था कि विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं तो फिर पंचायत चुनाव क्यों नहीं । वर्तमान में करीब 7 साल से अधिक समय से वही जनप्रतिनिधि पंचायत में पदस्थ हैं जबकि 2 वर्ष पूर्व ही इनका कार्यकाल खत्म हो गया है । माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगते हुए यह भी कहा था कि समय पर चुनाव न कराने के कारण नगरीय निकाय क्षेत्रों और पंचायतों मैं विकास अवरुद्ध है ऐसे में चुनाव कराए जाने का फैसला दिया जाए ।

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