मध्यप्रदेश के नेता पुत्रों की नजर अब मलैया पर

मध्यप्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी भले ही वंशवाद की बेल को समाप्त करने की बात कहती रही हो लेकिन आज के समय मे मध्यप्रदेश भाजपा के सभी दिग्गजों के पुत्र राजनीति में आने को लालायित हैं और उनके नेता पिता अपने पुत्रों में अपने उत्तराधिकारी देख रहे हैं, इतना ही नहीं समय रहते राजनीति में स्थापित करना भी चाहते हैं लेकिन शीर्ष नेतृत्व के वंशवाद की पालिसी के चलते इन नेता पुत्रों का राजनैतिक भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है । नरेन्द्र सिंह तोमर के पुत्र रामू, शिवराज सिंह के पुत्र कार्तिकेय सिंह से लेकर नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव और प्रभात झा के पुत्र भी राजनीति का ककहरा सीख कर विधानसभा जाना चाहते हैं ।
मप्र के उन भाजपा नेताओं के पुत्रों की नजर सिद्धार्थ मलैया पर लगी हुई हैं जो भाजपा में टिकट के लिए कतार में लगे हुए हैं। सिद्धार्थ मलैया इन नेता पुत्रों के लिए बड़ा उदाहरण बन सकते हैं। दरअसल मप्र भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया भाजपा से विधायक का टिकट चाहते थे। भाजपा ने टिकट देने के बजाय उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। सिद्धार्थ और उनके सैकड़ों समर्थकों ने भाजपा छोड़कर पर टीम सिद्धार्थ मलैया (टीएसएम) बनाकर दमोह नगर पालिका के लगभग सभी वार्डों में प्रत्याशी उतारे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस चुनाव में भाजपा से ज्यादा पार्षद टीम सिद्धार्थ मलैया के जीतेंगे। यदि ऐसा हुआ तो मप्र भाजपा में नेता पुत्रों के लिए सिद्धार्थ आईकाॅन हो सकते हैं। यह भी चर्चा है कि सिद्धार्थ के बाद अगला नम्बर गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव का है। अभिषेक भी काफी सक्रिय हैं। अगले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे भी सिद्धार्थ की तरह बागी हो सकते हैं।
साभार : रविन्द्र जैन

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