पोहरी में नेताओं के दल बदल रहे हैं दिल नहीं

2023 विधानसभा चुनाव आने में भले ही वक्त हो लेकिन नेताओं ने राजनीति की चौसर बिछाकर अपने मोहरे बिठाना शुरू कर दिया है। टिकिट की जुगाड में खूब भोपाल और दिल्ली तक मैराथन हो रही है तो वहीं जनता के बीच अलग अलग प्रकल्पों के माध्यम से अपनी राजनीतिक बिसात बिछाई जा रही है। पोहरी जातीय समीकरण की राजनीति के लिए जानी जाती है तभी तो अभी हुए चुनावों में सिर्फ धाकड़ और ब्राह्मण समाज के व्यक्ति ही विधायक बने हैं। बीते सभी चुनावों को छोड़कर सिर्फ 2020 में हुए उपचुनाव का एक्सरे करें तो कांग्रेस का हाथ झटकर अपने महाराज के साथ गले में भाजपा का पट्टा डालकर सुरेश धाकड़ चुनाव लडे थे और कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला जो समानता दल , भाजपा से होते हुए कांग्रेस में आए थे ,को टिकिट दिया था वहीं बहुजन समाज पार्टी से पूर्व में भाजपाई रहे कैलाश कुशवाह मैदान में थे । इन प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के अलावा कांग्रेस से बागी हुए नेता भी चुनावी समर में प्रमुख दलों की चिंता बढ़ा रहे थे, इन सबके बीच ओबीसी महासभा के बैनर तले हक और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला एक युवा नेता गिर्राज सिंह धाकड़ साईकिल पर सवार थे ।
2023 आने को है , नेताओं के से दिन दल बदल की राजनीति चल रही है, नेताओं के दल बदल रहे हैं लेकिन दिल नहीं। 2023 में एक बार फिर दल बदल करने वाले नेता चुनावी मैदान में होंगे , भाजपा से वर्तमान विधायक अघोषित उम्मीदवार हैं हालांकि कई नए पुराने भाजपाई भी टिकिट के लिए प्रयासरत हैं। कांग्रेस से कहने को तो पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रद्युम्न वर्मा का नाम लिया जा रहा है लेकिन पूर्व बसपा प्रत्याशी कैलाश कुशवाह के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से प्रद्युम्न वर्मा के टिकिट के प्रति उनके अपने आशंकित है। अब 21 मार्च को बैराड़ में बसपा की महासभा प्रस्तावित है और पूर्व सपा प्रत्याशी और वर्तमान में ओबीसी महासभा युवा मोर्चा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इंजी गिर्राज सिंह धाकड़ साईकिल से उतरकर हाथी की सवारी कर सकते हैं।

Subscribe to my channel



