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उत्तर प्रदेशराजनीति

रामपुर में फिर ‘कमल’ खिला पाएगी बीजेपी? या सपा पुराने गढ़ में लहराएगी परचम! जानिए क्या है यहां का सियासी समीकरण

देश में जल्द 18वीं लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. राजनीतिक दल समीकरणों को साधने के लिए सियासी बिसात बिछाने में जुट गई हैं. दूसरे दलों के गढ़ में सेंध लगाने के लिए सभी पार्टियां नई-नई जुगत लगा रही हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव, दोनों ही मायनों में उत्तर प्रदेश भारत का एक अहम राज्य है. ऐसे में 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली रामपुर सीट भी फिर से चर्चा में है. चर्चा का एक कारण यह भी है कि आजम खान आगामी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.

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रामपुर में मुस्लिम आबादी 52% के करीब

इस सीट पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान लगातार चुनाव में जीत दर्ज करते आए हैं. रामपुर से लगातार उनका जीतना भी इसका चर्चा का एक बड़ा कारण रहा है. रोज नए विवादों में रहने वाले वर्तमान में आजम खान आगामी लोकसभा चुनाव में ना खुद चुनाव लड़ सकते हैं और ना ही वह अब रामपुर सीट से सांसद रहे. रामपुर के जातीय समीकरण में मुस्लिम आबादी 52 फीसदी के करीब है. इस क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक माने जाते हैं और अलग-अलग जातियों में बंटे हुए हैं. ऐसे में फिर से सपा के पुराने किले को फिर फतेह करना बीजेपी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ी चुनौती है.

दिसंबर, 2022 में विधानसभा उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने रामपुर सीट समजावादी पार्टी और आजम खान से छीन ली थी. वहीं लोकसभा उपचुनाव में उस प्रदर्शन को दोहराया गया और सपा के गढ़ में बीजेपी का कमल दो बार खिल गया. इस कारण से मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प होने वाला है. क्योंकि इस बार एक तरफ बीजेपी को अपना पुराना प्रदर्शन को दोहराना है तो वहीं सपा को अपने पुराने गढ़ को फिर फतेह करना है.

जेल से लड़ा था 2022 विधानसभा का चुनाव

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रामपुर के बदले समीकरण की करे तो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही कोर्ट ने उन्हें सजा सुना दी और वह जेल चले गए. इस कारण उनकी सदस्यता चली गई और रामपुर में उपचुनाव हुए और बीजेपी से घनश्याम सिंह लोधी ने जीत दर्ज की. जेल से ही उन्होंने 2022 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और 9वीं बार भी जीत गए. जीत के कुछ महीनों बाद आजम फिर जेल चले गए और उनकी विधायकी भी गई. विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी से आकाश सक्सैना ने परचम लहराया.

Chief Editor JKA

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